हरियाणा सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में सरकार ने राज्य के गांवों में 754 महिला चौपालों के निर्माण की घोषणा की है, जिसके लिए 18 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का एक अभिनव प्रयास है।
महिला चौपाल: सशक्तिकरण का नया मंच
महिला चौपालें ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए एक ऐसा केंद्र होंगी, जहां वे अपनी समस्याओं, विचारों और योजनाओं को साझा कर सकेंगी। इन चौपालों का उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ना, कौशल विकास के अवसर प्रदान करना और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना है। हरियाणा सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण विकास में उनकी भागीदारी को भी बढ़ाएगी।
सूत्रों के अनुसार, इन 754 महिला चौपालों के निर्माण की आधिकारिक घोषणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में आयोजित एक राज्यस्तरीय समारोह में कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास और पंचायती राज से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी होने की संभावना है।
पहले से मौजूद चौपालों को मिलेगा नया रूप
हरियाणा में पहले से ही 100 से अधिक महिला चौपालें कार्यरत हैं, जिन्हें इस नई पहल के तहत और अधिक प्रभावी और जीवंत बनाया जाएगा। नई चौपालों के निर्माण के लिए सरपंचों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि योजना को तेजी से लागू किया जा सके। इन चौपालों में महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं, जैसे लाड़ली योजना, महिला समृद्धि योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, स्वरोजगार के लिए सिलाई, कढ़ाई, खाद्य प्रसंस्करण और डिजिटल साक्षरता जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
सामाजिक और कानूनी जागरूकता पर जोर
महिला चौपालें केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं रहेंगी। इनके माध्यम से महिलाओं को सामाजिक मुद्दों, जैसे घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव और दहेज प्रथा, के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा, कानूनी सहायता केंद्रों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। यह कदम ग्रामीण महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें अपने हक के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा।
ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका
महिला चौपालें ग्रामीण विकास में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देंगी। इन चौपालों के माध्यम से महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं में अपनी भूमिका को और प्रभावी ढंग से निभा सकेंगी। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पहल के बारे में कहा, “महिलाएं समाज का आधार हैं। महिला चौपालों के माध्यम से हम ग्रामीण महिलाओं को न केवल सशक्त करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें समाज के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।”
एक नई शुरुआत
हरियाणा सरकार की यह पहल ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत है। 18 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 754 महिला चौपालें न केवल महिलाओं को सशक्त करेंगी, बल्कि ग्रामीण भारत के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी। यह योजना हरियाणा को एक प्रगतिशील और समावेशी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।