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ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर करें फसलों के नुकसान का दावा, 10 सितंबर तक का मौका

मानसून 2025 के दौरान हरियाणा सहित कई जिलों में भारी बारिश और जलभराव से किसानों की खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई गांवों के खेतों में लगी फसलें या तो पूरी तरह नष्ट हो गईं या उनकी पैदावार पर गहरा असर पड़ा। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने किसानों की मदद के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोलने का निर्णय लिया है। प्रभावित किसान अपनी फसलों के नुकसान का दावा इस पोर्टल पर 10 सितंबर 2025 तक दर्ज करा सकते हैं।

Kshatipurti Portal haryana

भिवानी के उपायुक्त (डीसी) साहिल गुप्ता ने जानकारी दी कि खरीफ फसल 2025 में बारिश और जलभराव की वजह से कई क्षेत्रों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विशेष पहल करते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावे अपलोड करने की सुविधा दी है।

सरकार का मानना है कि इस पोर्टल से किसानों को राहत प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी। इससे प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा मिल सकेगा और उनकी आर्थिक हानि की भरपाई आंशिक रूप से हो पाएगी।

किसानों के लिए निर्देश

जिले के सभी प्रभावित गांवों के किसानों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी फसल खराबे का दावा 10 सितंबर तक अवश्य अपलोड करें। इसके लिए किसान अपने गांव में बने कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या नजदीकी इंटरनेट कैफे की मदद ले सकते हैं। दावा दर्ज करते समय किसान को अपनी भूमि से संबंधित कागजात और फसल नुकसान का विवरण अपलोड करना होगा।

पोर्टल का महत्व

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां किसान प्राकृतिक आपदाओं, बारिश, बाढ़ या अन्य कारणों से हुई फसल हानि की सूचना दर्ज कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि दावे सीधे सरकारी रिकॉर्ड में चले जाते हैं, जिससे किसी तरह की देरी या गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है।

किसानों की उम्मीद

बारिश और जलभराव से नुकसान झेल चुके किसानों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यदि दावों पर समय पर कार्रवाई की गई तो उन्हें अपनी फसलों के नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही अगली बुवाई के लिए उन्हें आर्थिक सहयोग भी मिल सकेगा।

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