अगर आप एटीएम से बार-बार पैसे निकालते हैं, तो सावधान हो जाएं। 1 मई 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन के नियम बदल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए नियम लागू किए हैं। फ्री लिमिट के बाद अब ज्यादा चार्ज देना होगा। यह चार्ज ₹23 प्रति ट्रांजैक्शन तक होगा। इसमें टैक्स अलग से लगेगा। हरियाणा और पूरे देश के लोग इस बदलाव से प्रभावित होंगे। आइए, नए नियमों की पूरी जानकारी लेते हैं।
RBI ने यह फैसला बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों की मांग पर लिया है। उनका कहना है कि एटीएम चलाने की लागत बढ़ गई है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है। मेट्रो शहरों में हर महीने 3 फ्री ट्रांजैक्शन मिलेंगे। इनमें दिल्ली, मुंबई जैसे शहर शामिल हैं। गैर-मेट्रो शहरों में 5 फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा है। यह लिमिट पैसे निकालने और बैलेंस चेक जैसे कामों के लिए है। फ्री लिमिट खत्म होने के बाद चार्ज लगेगा।
नए नियमों के तहत, अपने बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर ₹23 का चार्ज लगेगा। पहले यह ₹21 था। दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर ₹19 देना होगा। पहले यह ₹17 था। बैलेंस चेक करने का चार्ज भी बढ़ गया है। अब यह ₹9 होगा, पहले ₹7 था। ये चार्ज सभी एटीएम पर लागू होंगे। इसमें व्हाइट लेबल एटीएम जैसे इंडिकैश भी शामिल हैं। टैक्स जोड़ने पर यह खर्च और बढ़ेगा।
कुछ बैंक खास सुविधाएं दे रहे हैं। HDFC बैंक ने कहा है कि उनके एटीएम से बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट और पिन बदलना फ्री रहेगा। लेकिन दूसरे बैंक के एटीएम से ये काम करने पर चार्ज लगेगा। PNB ने बताया कि उनके एटीएम से फ्री लिमिट के बाद ₹23 और दूसरे बैंक के एटीएम से ₹11 चार्ज होगा। यह 9 मई 2025 से लागू होगा। छोटे बैंकों के ग्राहकों पर ज्यादा असर पड़ेगा। उनके पास कम एटीएम हैं, इसलिए वे दूसरे बैंकों के एटीएम पर निर्भर हैं।
इससे बचने के लिए कुछ उपाय हैं। अपने बैंक के एटीएम का ज्यादा इस्तेमाल करें। एक बार में ज्यादा राशि निकाल लें। बार-बार छोटी रकम निकालने से बचें। UPI और डिजिटल पेमेंट का उपयोग करें। मोबाइल बैंकिंग से बैलेंस चेक करें। इससे चार्ज बचेगा। अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो चार्ज नहीं लगेगा। लेकिन तकनीकी खराबी होने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।