हरियाणा में भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन घंटों में राज्य के कई हिस्सों में बारिश और तूफान का अलर्ट जारी किया है। यह मौसमी बदलाव न केवल तापमान में कमी लाएगा, बल्कि गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों को भी राहत प्रदान करेगा। मौसम विभाग के अनुसार, यह बदलाव एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय मौसमी गतिविधियों का परिणाम है।
बारिश और तूफान की संभावना
मौसम विभाग ने हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, और झज्जर सहित कई जिलों में अगले तीन घंटों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाओं और गरज-चमक का अनुमान जताया है। हवाओं की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है, जिसके साथ कुछ क्षेत्रों में हल्की ओलावृष्टि की भी संभावना है। यह मौसमी गतिविधि विशेष रूप से उत्तरी और मध्य हरियाणा में अधिक प्रभावी होगी।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाए रहेंगे, जिससे दिन के तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरी क्षेत्रों में, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, यह बारिश गर्मी से राहत दिलाएगी।
किसानों के लिए सावधानी जरूरी
यह मौसमी बदलाव जहां आम लोगों के लिए राहत लेकर आया है, वहीं किसानों के लिए सावधानी बरतने का समय है। हरियाणा में रबी फसलों, विशेष रूप से गेहूं की कटाई का समय चल रहा है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और खुले में रखे अनाज को ढक दें, ताकि बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान न हो। इसके अलावा, तेज हवाओं के कारण पेड़ों और बिजली के तारों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन और जनता के लिए सुझाव
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे तूफान और बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। तेज हवाओं के कारण होर्डिंग्स, कमजोर संरचनाओं, और पेड़ों के गिरने का खतरा हो सकता है। स्थानीय प्रशासन को सड़कों पर जलभराव से निपटने के लिए तैयार रहने और बिजली आपूर्ति में व्यवधान को तुरंत ठीक करने के लिए व्यवस्था करने को कहा गया है।
मौसम का दीर्घकालिक प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश और तूफान 18 से 20 अप्रैल तक उत्तर-पश्चिम भारत, जिसमें हरियाणा, पंजाब, और दिल्ली शामिल हैं, में प्रभावी रहेगा। इस दौरान तापमान में कमी और आर्द्रता में वृद्धि देखी जाएगी। हालांकि, 20 अप्रैल के बाद मौसम फिर से शुष्क हो सकता है, जिससे तापमान में दोबारा वृद्धि की संभावना है।