फरीदाबादः हरियाणा के जो गांव नोएडा और दिल्ली के पास बसे हुए है उन गावों की चांदी होने वाली है. जी हां हरियाणा के ऐसे 18 गांव है जिनकी किस्मत बदलने वाली है. इन गाँवों की मिट्टी सोना उगलेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSIIDC) इन गांवों की जमीन पर एक शानदार शहर बसाने जा रहा है. यहाँ पर आलीशान सेक्टर्स होंगे, एयरपोर्ट से लेकर एक्सप्रेसवे तक इसका कंट्रोल रहेगा. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) मास्टर प्लान 2031 के तहत फरीदाबाद और पलवल के बीच में बसे इन 18 गांवों की 4500 एकड़ जमीन पर 12 नए सैक्टर और एक टाउनशिप बसाने की योजना तैयार कर रहा है.
इन 18 गावों का होगा अधिग्रहण
आपको बता दें कि ये सभी न्यू फरीदाबाद का भाग होंगें. सबसे विशेष बात है कि ऐसा पहली बार होगा जब एचएसपीवी यहां न सिर्फ रेजिडेंशियल सेक्टर्स बनाएगी बल्कि एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप का भी निर्माण करेगी. 18 में से 9 गांवों की लगभग 9000 एकड़ जमीन पर इस इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा. न्यू फरीदाबाद के रूप में बसने जा रहे इस शहर में फरीदाबाद जिन गांवों को शामिल किया गया है उनके नाम सोतई, सुनपेड़, साहुपुरा, मलेरना और जाजरू की जमीन, खेड़ी कलां, नचौली, ताजापुर, ढहकोला, शाहबाद, बदरपुर सैद, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदापुर, सदपुरा व तिगांव हैं.
बनाए जाएंगे 12 सेक्टर
इन 18 गांवों की जमीन को अधिग्रहित किया जा रहा है. इसके लिए किसानों से आवेदन भी आमंत्रित कियें गए हैं और उन्हें सरकार ने वादा किया है कि सरकार की तरफ से किसानों को बेहतरीन मुआवजा दिया जाएगा. इन गांवों की जमीन का मुआवजा तो बहुत ज्यादा होगा ही इसके साथ ही इनके शहर में बदलने के बाद इसकी एक-एक इंच जगह काफी कीमती होगी. एचएसवीपी के मुताबिक इस जमीन पर जो 12 सेक्टर बनने जा रहे हैं उनमें सेक्टर 94 A, 96, 96 A, 97 A, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141 और 142 सम्मिलित किये गए हैं. इनमें सेक्टर 100 को कमर्शियल सेक्टर बनाया जाएगा वहीं सेक्टर 96 A और 97 A में पब्लिक यूटिलिटी स्पेस जैसे स्कूल, अस्पताल, सरकारी दफ्तर इत्यादि होंगे.
जबरदस्ती नहीं ली जाएगी किसी भी किसान की जमीन
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि इस पूरी प्रक्रिया को मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. किसी भी किसान से जमीन जबरन नहीं ली जाएगी. किसानों की मंजूरी के बिना कोई जमीन नहीं खरीदी जाएगी. जो किसान अपनी जमीन देना चाहते हैं, उन्हें 31 अगस्त तक ई-भूमि पोर्टल (ebhoomi.jamabandi.nic.in) पर अप्लाई करना होगा. सरकार ने पारदर्शिता दिखाते हुए सेक्टरों और इंडस्ट्रियल टाउनशिप में आने वाले खसरा नंबरों की लिस्ट HSVP और HSIIDC की वेबसाइट पर साझा कर दी है, जिससे किसान खुद देख सकें कि उनकी जमीन योजना में शामिल है या नहीं. आवेदन के बाद, विभागीय अधिकारी जमीन की कीमत निर्धारित करेंगे और किसान की सहमति मिलने पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. जमीन की कीमत का भुगतान रजिस्ट्री के वक़्त ही पूरा कर दिया जाएगा, ताकि किसान को तुरंत उसका अधिकार मिले.