हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में सवा तीन लाख से अधिक बीपीएल राशन कार्ड रद्द करने की तैयारी है। यह कार्रवाई नायब सैनी सरकार ने शुरू की है। कारण है फर्जी और गैर-जरूरी राशन कार्ड। खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कई महीनों से कुछ बीपीएल कार्ड धारकों ने न राशन लिया है। न ही किसी सरकारी योजना का लाभ उठाया है। ऐसे कार्डों को अब रद्द किया जाएगा।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार, 1 मई को राशन कार्डों की समीक्षा होगी। इस समीक्षा में बीपीएल कार्डों की संख्या का आंकलन होगा। पिछले महीनों में भी कार्डों की संख्या घटी है। 1 मार्च को बीपीएल कार्डों की संख्या 51 लाख 97 हजार 984 थी। 1 अप्रैल को यह संख्या 51 लाख 96 हजार 380 हो गई। यानी 1604 कार्ड कम हुए।
क्यों रद्द होंगे कार्ड?
सरकार ने पाया कि कई बीपीएल कार्ड फर्जी हैं। कुछ लोग गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं। कई कार्ड धारकों का बिजली बिल 20 हजार रुपये से ज्यादा है। कुछ के पास चार पहिया वाहन हैं। ऐसे लोग बीपीएल श्रेणी में नहीं आते। सरकार ने इनकी पहचान शुरू कर दी है। जिन लोगों ने कई महीनों से राशन नहीं लिया, उनके कार्ड भी रद्द होंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग का कहना है कि ये कार्ड या तो फर्जी हैं। या फिर इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बनवाया गया है।
सरकार की कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने पहले भी फर्जी कार्डों पर कार्रवाई की है। पिछले तीन सालों में 2.91 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए। सरकार ने उपभोक्ताओं को चेतावनी दी है। जो लोग गलत तरीके से बीपीएल कार्ड का लाभ ले रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। साथ ही, उनसे रिकवरी भी की जा सकती है। सरकार ने 20 अप्रैल तक का समय दिया था। इस दौरान लोगों से कहा गया कि वे स्वेच्छा से बीपीएल श्रेणी से बाहर हो जाएं।
कैसे होगी जांच?
खाद्य आपूर्ति विभाग ने कार्डों की जांच शुरू कर दी है। परिवार पहचान पत्र (PPP) के जरिए डेटा का मिलान किया जा रहा है। आय, बिजली बिल और वाहन जैसे मानदंडों की जांच हो रही है। जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से ज्यादा है, उनके कार्ड रद्द होंगे। सरकार ने टोल-फ्री नंबर 1800-180-2087 और 1967 जारी किए हैं। लोग इन नंबरों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।